Tuesday, August 21, 2018

Would Aishwarya Rai have made a better Padmavati than Deepika Padukone?


 



















After abundant problem, conflict and furor, Sanjay Leela Bhansali's Padmaavat released on Jan twenty five. The film, that asterisked Deepika Padukone, Ranveer Singh and Shahid Kapoor in crucial roles, was a reimagining of fifteenth century writer Muhammad leader Jayasi's Padmavat.

It told the story of the attractive patrician Padmini of Chittorgarh, United Nations agency committed self-immolation, to avoid falling into the hands of the Turkish intruder Alauddin Khilji.

Though the film was slammed by critics for glorifying Hindoo gallantry and vilifying Muslims on the far side imagination, it crossed over Rs three hundred large integer at the box workplace. whereas Deepika didn't have abundant of a task within the half, she steered the last half of the film and received glowing praises for her portrayal of the feisty patrician Padmini.

Interestingly, Deepika wasn't the primary alternative for the role of patrician Padmavati. Bhansali had at the start approached Aishwarya Rai Bachchan for the half.

Aishwarya confirmed this to associate degree recreation portal. "He did not get the Bajirao on behalf of me. He wished American state to try to to Padmaavat, however couldn't get the Khilji on behalf of me, at the casting time. So, that is however it did not happen."

She conjointly side, "So, at the tip of the day, you would like to check the casting. If the casting isn't happening, then typically, it does not move. The intention is often there to figure along, however it did not happen. we tend to each loved operating with one another, thus let's examine, whenever it's meant to be."

According to reports, Bhansali wished to form Bajirao Mastaani with Aishwarya and Salman Khan, however because of growing bad blood between the 2, it didn't happen. Aishwarya had place down a firm condition that she wouldn't share screenspace with Salman, that he clearly wasn't happy regarding.

So the question that arises here, would Aishwarya have created an improved Padmavati than Deepika?

WHO'S this BOX workplace QUEEN?

Aishwarya has associate degree astounding fan following, because of her attractive appearance. However, as way as box workplace successes area unit involved, Deepika rules the box workplace. Goliyon Ke Rasleela Ram Leela and Bajirao Mastani has cemented her position. And now, Deepika will exert a magnetic influence over her audience in her amount dramas, to the extent that she's nearly at risk of being typecast.

In her career spanning over twenty five years, Aishwarya has had a lot of misses than hits, most likely as a result of she selected weak scripts additionally. However, to be fair, the thespian has verified her courageousness in films like Hum Dil American state Chuke Sanam, Devdaas, Provoked, Jodhaa-Akbar and Ae Dil Hai Mushkil- in brief films that have had competent and a lot of ready administrators, United Nations agency were ready to look on the far side her beauty and extract her real potential. Sadly, this hasn't been too typically.

A tough CHOICE?

Last year, once the trailer of Padmaavat free, Twitter was divided. several believed that Aishwarya would are an improved choice for the role of patrician Padmavati, as she had delineated the Hindoo queen Jodhabai in Jodhaa-Akbar with abundant composure.

In all honesty, Aishwarya fits the role of the queen, attributable to her royal and swish appearance.

The truth is Bhansali had cut out a rather lacklustre portrait of patrician Padmavati within the film, and Deepika had to form the foremost of it- and even her performance wasn't top-of-the-class quality, am passionate about it ordinarily is.

And all told honesty, once it involves acting, Deepika may be a notch on top of Aishwarya. So, Aishwarya might need created a good Padmavati, however won't are ready to exert a hold over the audience with the role, like Deepika did.

Monday, August 20, 2018

भुनी हुई लहुसन की कल‍ियां नहीं है किसी जड़ीबूटी से कम, खाली पेट खाने के है ये फायदे




लहसुन केआयुर्वेद में  बहुत  फायदे बताए हैं। खाने में स्‍वाद को बढ़ाने के साथ ही ये स्‍वास्‍थय के ल‍िए काफी फायदेमंद होता है। कई लोग इसे कच्‍चा भी खाना पसंद करते हैं वहीं कुछ लोग इसे भूनकर खाना पसंद करते हैं। भूने हुए लहुसन का सेवन करना कई मायनों में शरीर के ल‍िए काफी फायदेमंद होता है। ये शरीर में कैंसर की कोशिकाओं का निर्माण नहीं होने देता है। इसके अलावा इससे शरीर का केलेस्‍ट्रॉल काफी हद तक कम होता है। लहसुन में मौजूद फाइटोकेमिकल्स पुरुषों की हेल्थ के लिए फायदेमंद है।
    लहुसन खाने के फायदे:
 24 घंटे में होता है असर एक रिसर्च के अनुसार कुल 6 भुने हुए लहसुन खाने के ठीक एक घंटे के बाद यह लहसुन पेट में पच जाता है और अपना पौष्टिक प्रभाव देना आरंभ करता है। अगले 2 से 4 घंटे में इन लहसुनों से निकले वाले एंटी ऑक्सीडेंट तत्वों को हमारी शरीर अपने भीतर सोखने लगता है। इसकी मदद से शरीर के अंदर जितनी भी कैंसर की कोशिकाएं जन्म लेती हैं, यह उन्हें खत्म कर देता है। 4 से 6 घंटे के बाद यह लहसुन हमारे मैटाबॉलिज्म पर काम करता है। पेट में मौजूद एक्स्ट्रा फैट को बर्न करता है। 6 घंटे के बाद यह लहसुन हमारे रक्त में मौजूद संक्रमण को खत्म करने का काम करता है। लहसुन के सेवन के 10 घंटे के बाद लहसुन का पौष्टिक लाभ मिलने लगता है और यह समयसे पहले ही कई बीमारियों का खात्मा कर देता है। 

     दिल को देता है फायदा 
 भुना लहसुन ब्‍लड प्रेशर भी कंट्रोल करता है। हालांकि इसका सेवन हाई ब्‍लड प्रेशर के मरीजों के लिए ज्‍यादा रेफर किया जाता है क्‍योंकि ये बीपी को कम करता है। विषैल तत्‍व निकालता है यह शरीर में मौजूद विषैले पदार्थों को मल या मूत्र मार्ग से बाहर करता है। इससे हड्डियों को मजबूती मिलती है। वहीं कॉलेस्ट्रोल को भी कम करता है। कॉलेस्ट्रॉल सुबह खाली पेट भुने हुए लहसुन का सेवन करने से कॉलेस्ट्रॉल का लेवल कम होता है और हार्ट से जुड़ी समस्याओं को भी खत्म करता है। वजन कम करने भी यह काफी मददगार है। इसका सेवन करने से बॉडी का फैट तेजी से बर्न होता है जिससे कि वजन कम होने लगता है। सेक्‍स हार्मोन बनाता है लहसुन में ऐलीसिन नाम का पदार्थ होता है जो पुरुषों के मेल हार्मोन यानी सेक्‍स हार्मोन के स्‍तर को ठीक रखता है। इससे पुरुषों में इरेक्‍टाइल डिस्‍फंक्‍शन दूर होता है। वहीं लहसुन में सेलेनियम और भारी मात्रा में विटामिन पाए जाते हैं जिससे स्‍पर्म क्‍वालिटी बढ़ती है। कैंसर से बचा सकता है लहसुन का सेवन शरीर में गर्माहट लाता है और ठंड से रक्षा करता है। साथ ही इसे कैंसर से बचाने वाला भी माना जाता है। लहसुन को खासतौर पर यह प्रोस्‍ट्रेट और ब्रेस्‍ट कैंसर से बचाने वाला माना जाता है। कब्ज भुनी हुई लहसुन का सेवन करने से पाचन शक्ति दुरूस्त रहती है और कब्ज जैसी समस्याओं से राहत मिलती है।

Sunday, August 19, 2018

UPSSSC: सहायक लेखाकार और लेखा परीक्षक के लिए 15 हजार से ज्यादा उम्मीदवार देंगे इंटरव्यू, ऐसे डाउनलोड करें एडमिट कार्ड




UPSSSC: 2 हजार 712 पदों पर भर्ती के लिए 2016 में नोटिफिकेशन जारी किया था.

खास बातें

15 हजार 803 उम्मीदवारों को इंटरव्यू के लिए बुलाया गया है.
6 प्रश्नों के लिए सभी अभ्यर्थियों को ग्रेस अंक दिए जाएगे.
2 हजार 712 पदों पर भर्ती होनी है.


नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूपीएसएसएससी) ने सहायक लेखाकार/लेखा परीक्षक (Assistant Accountant and Auditor General) के लिए नए सिरे से योग्यता तय की है. जिसके बाद अब कुल 15 हजार 803 उम्मीदवारों को इंटरव्यू के लिए योग्य पाया गया है. उम्मीदवार इंटरव्यू के लिए अपना एडमिट कार्ड UPSSSC की ऑफिशियल वेबसाइट upsssc.gov.in पर जाकर डाउनलोड कर सकते हैं. UPSSSC ने उत्तर कुंजी पर प्राप्त आपत्तियों का भी निस्तारण कर दिया है. आयोग ने 10 प्रश्नों के उत्तर में संशोधन किया है और 6 प्रश्नों के लिए सभी अभ्यर्थियों को ग्रेस अंक देने का फैसला किया है.

आपको बता दें कि UPSSSC ने सहायक लेखाकार, लेखा परीक्षक, सहायक कोषागार लेखाकार के 2 हजार 712 पदों पर भर्ती के लिए 2016 में नोटिफिकेशन जारी किया था. इन पदों पर लिखित परीक्षा आयोजित की गई थी. कई उम्मीदवार शैक्षिक योग्यता को लेकर कोर्ट गए थे. कोर्ट ने नए सिरे से योग्यता तय करने के लिए 2017 में आदेश दिया था. जो कि अब लागू हुआ है.

सहायक लेखाकार/लेखा परीक्षक (Assistant Accountant and Auditor General) के इंटरव्यू के लिए ऐसे डाउनलोड करें एडमिट कार्ड
स्टेप 1: 
उम्मीदवार UPSSSC की ऑफिशियल वेबसाइट upsssc.gov.in पर जाएं.
स्टेप 2: होमपेज पर दिए गए Click here to download Interview Letter for Combined Assistant Accountant and Auditor General Recruitment competitive examination 2016 के लिंक पर क्लिक करें.
स्टेप 3: नया पेज खुलेगा, .यहां आप मांगी गई जानकारी भरकर सबमिट करे.
स्टेप 4: आपका एडमिट कार्ड स्क्रीन पर आ जाएगा, आप इसे डाउनलोड कर सकते हैं.


सहायक लेखाकार/लेखा परीक्षक (Assistant Accountant and Auditor General) के इंटरव्यू के लिए ऐसे डाउनलोड करें एडमिट कार्ड
स्टेप 1: उम्मीदवार UPSSSC की ऑफिशियल वेबसाइट upsssc.gov.in पर जाएं.
स्टेप 2: होमपेज पर दिए गए Click here to download Interview Letter for Combined Assistant Accountant and Auditor General Recruitment competitive examination 2016 के लिंक पर क्लिक करें.
स्टेप 3: नया पेज खुलेगा, .यहां आप मांगी गई जानकारी भरकर सबमिट करे.
स्टेप 4: आपका एडमिट कार्ड स्क्रीन पर आ जाएगा, आप इसे डाउनलोड कर सकते हैं.

Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah: 'डरावनी दुल्हन' ने उड़ाए पोपटलाल के होश, बापूजी भी सदमे में




Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah: 'डरावनी दुल्हन' के चक्कर में फंसा पोपटलाल

खास बातें

सुपरहिट कॉमेडी सीरियल है 'तारक मेहता...'
भूत के चक्कर से हैं सब मुहाल
अब पोपटलाल बने हैं शिकार


नई दिल्ली: 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा (Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah)' में इन दिनों गोकुलधाम सोसाइटी में हंगामा मचा हुआ है. जेठालाल के बापूजी की डर-डरकर हालत खराब है. बापूजी को भूत नजर आ रहा है और अकसर खुद को बहादुर बताने वाले बापूजी सूखे पत्ते की तरह कांपते नजर आ रहे हैं. भूत का खौफ पूरी सोसाइटी में फैलता जा रहा है, और बापूजी के इस खौफ की जद में हर कोई आता जा रहा है. लेकिन भूत का दीदार करने में बापूजी का साथ देने का काम किया पोपटलाल. पत्रकार पोपटलाल कितने बहादुर हैं यह हर कोई जानता है. Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah में आने वाले दिनों में भूत का चक्कर होश गुम करने वाला है.
 आने वाले दिनों में 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' में भूत का चक्कर और घनघोर होने वाला है. एक तरफ गोकुलधाम के निवासी बापूजी को विश्वास दिलाने में लगे हैं कि भूत और चुड़ैल नहीं होत. वहीं दूसरी ओर पोपटलाल का सामना 'डरावनी दुल्हन' से हो जाता है. पोपटलाल के बॉस ने उसे कहा था कि वो 'डरावनी दुल्हन' की अफवाह पर लेख लिखे और उसी मीटिंग के बाद जब पोपटलाल सोसाइटी में प्रवेश करता है तब उसे मोहनलाल के खली फ्लैट की बालकनी में बड़े से घूंघट में एक दुल्हन दिखती है.
    डरावनी दुल्हन को देखकर डर के मारे पोपटलाल की सिट्टी-पिट्टी गुम हो जाती है. अब सभी गोकुलधाम वासी मोहनलाल के घर का ताला तोड़कर अंदर घुसते हैं और उन्हें वहां पर जेवर, चूड़ियां और मंगलसूत्र मिलता है. वे सब इंस्पेक्टर चालू पांडे को बुलाते हैं . इसके बाद सबसे बड़ा सवाल ये पैदा होता है कि ये 'डरावनी दुल्हन' कौन है ? क्या है इसका सच ? 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' का ये एपिसोड 16 अगस्त को एयर होगा. एंटरटेनमेंट की भरपूर डोज के लिए तैयार रहें.

रेलवे ने निकालीं 89409 पदों पर भर्तियां, जल्दी करें एप्लाई, ये है आखिरी तारीख







रेलवे में नौकरी करने की इच्छा रखते हैं तो ये आपके लिए सुनहरा मौका है. रेलवे ने ग्रुप सी और ग्रुप डी के 89409 पदों पर भर्तियों की घोषणा की है. इनमें 62907 पोस्ट ग्रुप सी के लिए हैं जबकि 62907 पोस्ट ग्रुप डी की भर्ती के लिए हैं. आप इसके लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. दोनों ही ग्रुप की भर्तियों के लिए आवेदन की आखिरी तारीख 31 मार्च 2018 है.

कुल पदों की संख्या
ग्रुप सी: 26502
ग्रुप डी: 62907

पदों का विवरण:
ग्रुप सी
असिस्टेंट लोको पायलट- 17673
अन्य तकनीकी पद- 8829 पद

बोर्ड ने ग्रुप डी के लिए हेल्पर, ट्रैक मेन्टेनर, हॉस्पीटल अटेन्डेन्ट, असिस्टेंट प्वॉइन्ट्समैन, गेटमैन और पोर्टर पदों पर आवेदन मांगे हैं.





आवेदन के लिए योग्यता.
इन पदों पर आवेदन के लिए अभ्यर्थी को 10वीं के साथ-साथ संबंधित ट्रेड में आईटीआई होना चाहिए या उसके समकक्ष डिप्लोमा होना चाहिए.




आयुसीमा: ग्रुप सी के लिए अभ्यर्थी की आयु 1.7.2018 तक 18 से 30 वर्ष के बीच होनी चाहिए. वहीं ग्रुप डी के लिए आयुसीमा 18 से 33 वर्ष है.



आवेदन का शुल्क
एससी, एसटी, पीडब्ल्यूडी, महिला, ट्रांसजेंडर, अल्पसंख्यक, आर्थिक पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए 250 रुपये का शुल्क देना होगा. वहीं अन्य अभ्यर्थियों के लिए 500 रुपये का शुल्क अदा करना होगा.

चयन प्रक्रिया
इन पदों पर अभ्यर्थी का चयन कम्प्यूटर आधारित लिखित परीक्षा और ग्रुप सी के लिए एप्टीट्यूट टेस्ट के जरिए किया जाएगा. वहीं ग्रुप डी के लिए एप्टीट्यूट टेस्ट की जगह शारीरिक क्षमता से भी गुजरना होगा.

Gulzar Birthday Special: मशहूर शायर गुलजार का ये है असली नाम, इन बातों को जरूर जानना चाहिए

                                  Gulzar Birthday Special




गुलजार (फाइल फोटो)


गुजलार का आज 85वां जन्मदिन
मशहूर शायर के तौर पर मिली प्रसिद्धि



असली नाम है कुछ और

नई दिल्ली: Gulzar Birthday Special: 'हवा के सींग न पकड़ो खदेड़ देती है, जमीं से पेड़ों के टांके उधेड़ देती है...' कल्‍पनाओं की ऐसी विचित्रता और शब्‍दों की ऐसी जादूगरी सिर्फ गुलजार ही कर सकते हैं और आज शब्‍दों के इसी जादूगर का जन्‍मदिन है. 
    जानेमाने शायर गुलजार का असली नाम संपूर्ण सिंह कालरा है. उनका जन्म 18 अगस्त, 1934 को झेलम जिले के दीना गांव में हुआ था जो अब पाकिस्‍तान में है. वे फिल्मों में आने से पहले गैराज मकेनिक का काम किया करते थे. गुलजार कम उम्र में ही लिखने लग थे लेकिन उनके पिता को यह पसंद नहीं था, लेकिन उन्होंने लिखना जारी रखा और एक दिन अपनी मेहनत के दम पर बॉलीवुड का बड़ा नाम बन गए. वे 20 बार फिल्मफेयर तो पांच राष्ट्रीय पुरस्कार अपने नाम कर चुके हैं. 2010 में उन्हें स्लमडॉग मिलेनेयर के गाने 'जय हो' के लिए ग्रैमी अवार्ड से नवाजा गया था. उन्हें 2013 के दादा साहेब फालके सम्मान से भी नवाजा जा चुका है.


खास बातेः

- गुलजार अपने कॉलेज के दिनों से ही सफेद कपड़े पहन रहे हैं.
- उन्होंने बिमल रॉय के साथ असिस्टेंट का काम किया. एस.डी. बर्मन की 'बंदिनी' से बतौर गीतकार शुरुआत की. उनका पहला गाना था, 'मोरा गोरा अंग...'
- बतौर डायरेक्टर गुलजार की पहली फिल्म 'मेरे अपने' (1971) थी, जो बंगाली फिल्म 'अपनाजन' की रीमेक थी.
- गुलजार की अधिकतर फिल्मों में फ्लैशबैक देखने को मिलता, उनका मानना है कि अतीत को दिखाए बिना फिल्म पूरी नहीं हो सकती. इसकी झलक, 'किताब', 'आंधी' और 'इजाजत' जैसी फिल्मों में देखने को मिल जाती है.


- गुलजार उर्दू में लिखना पसंद करते हैं.
- गुलजार ने 1973 की फिल्म 'कोशिश' के लिए साइन लैंग्वेज सीखी थी क्योंकि ये फिल्म मूक-वधिर विषय पर थी. जिसमें संजीव कुमार और जया भादुड़ी थे.
- 1971 में उन्होंने 'गुड्डी' फिल्म के लिए ‘हमको मन की शक्ति’ देना गाना क्या लिखा ये गाना स्कूलों मे प्रार्थना में सुनाई देने लगा.
- उन्होंने ‘हू तू तू’ के फ्लॉप होने के बाद फिल्में बनानी बंद कर दीं, इस झटके से उबरने के लिए उन्होंने अपना ध्यान शायरी और कहानियों की ओर किया.

उन्हें टेनिस खेलना  बेहद पसंद है, और वे सुबह टेनिस जरूर खेलते हैं.
- उनकी लोकप्रिय फिल्मों में 'अचानक', 'कोशिश' (1972), 'आंधी' (1975), 'मीरा', 'लेकिन', 'किताब' (1977) और 'इजाजत' (1987) के नाम आते हैं.

Saturday, August 18, 2018

कमाई में अक्षय कुमार की 'गोल्ड' हुई धड़ाम, लेकिन फिर भी जॉन अब्राहम को पछाड़ा


बॉलीवुड के एक्शन स्टार अक्षय कुमार की फिल्म 'गोल्ड' को ओपनिंग डे पर जबदस्त रिस्पॉन्स मिला और अब बॉलीवुड में यह फिल्म फर्स्ट डे कलेक्शन के मामले में तीसरा स्थान हासिल कर लिया.





'गोल्ड' में अक्षय कुमार

खास बातें

दूसरे दिन 'गोल्ड' हुई धड़ाम
जॉन अब्राहम को पछाड़ा
वीकेंड पर कमाई की उम्मीद
नई दिल्ली: बॉलीवुड के एक्शन स्टार अक्षय कुमार की फिल्म 'गोल्ड' को ओपनिंग डे पर जबदस्त रिस्पॉन्स मिला और अब बॉलीवुड में यह फिल्म फर्स्ट डे कलेक्शन के मामले में तीसरा स्थान हासिल कर लिया. जबकि दूसरी तरफ जॉन अब्राहम की फिल्म 'सत्यमेव जयते' ने 20.52 करोड़ की कमाई करके इस लिस्ट में पांचवे पायदान पर पहुंचा. सबसे चौंकाने वाली बात यह हो गई है कि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर रिलीज हुई 'गोल्ड' फिल्म को अच्छा रिस्पॉन्स तो मिला, लेकिन दूसरे ही दिन यह आंकड़ा 68 प्रतिशत गिर गया. बॉक्स ऑफिस पर फिल्म का कलेक्शन तेजी से गिरने की वजह दूसरे दिन फिर से ऑफिस वर्क और कामकाज वाला दिन है.

उम्मीद है फिल्म को कमाई में वीकेंड पर फिर से तेजी देखने को मिले. बॉक्स ऑफिस इंडिया के मुताबिक गोल्ड फिल्म ने दूसरे दिन लगभग 8 करोड़ की कमाई की और अब कुल 33.25 करोड़ का कलेक्शन हो चुका है. वहीं जॉन अब्राहम की फिल्म ने दूसरे दिन 7.92 करोड़ की कमाई की और कुल कमाई 28.44 करोड़ हो चुका है. यह आंकड़ा ट्रेड एनलिस्ट तरण आदर्श ने दिया है.

बता दें, अक्षय कुमार की 'गोल्ड' को साल 2018 की तीसरी सबसे बड़ी ओपनिंग मिली है, जबकि 'सत्यमेव जयते' 5वीं पोजिशन पर है. तरण आदर्श के मुताबिक, 'बागी-2' को पछाड़ 'गोल्ड' ने लिस्ट में तीसरी पोजिशन पर कब्जा किया. 34.75 करोड़ रुपये के कलेक्शन के साथ रणबीर कपूर स्टारर 'संजू' पहले नंबर पर है, जबकि दूसरी पोजिशन पर सलमान खान की 'रेस-3' है.


'गोल्ड' एक हॉकी खिलाड़ी के वास्तविक जीवन पर आधारित है, जिसने स्वतंत्र भारत के लिए पहला स्वर्ण पदक हासिल करके भारत का नाम गर्व से ऊपर किया था. इस फिल्म में भारत के लिए पहला गोल्ड का सपना देखने वाले हॉकी खिलाड़ी की यात्रा को दर्शाया गया है. अक्षय कुमार स्टारर इस फिल्म से मौनी रॉय अपना डेब्यू कर रही हैं. फिल्म में अमित साध, विनीत कुमार सिंह, कुणाल कपूर अहम किरदार में दिखेंगे.



Twitter Ads info and privaबता दें, अक्षय कुमार की 'गोल्ड' को साल 2018 की तीसरी सबसे बड़ी ओपनिंग मिली है, जबकि 'सत्यमेव जयते' 5वीं पोजिशन पर है. तरण आदर्श के मुताबिक, 'बागी-2' को पछाड़ 'गोल्ड' ने लिस्ट में तीसरी पोजिशन पर कब्जा किया. 34.75 करोड़ रुपये के कलेक्शन के साथ रणबीर कपूर स्टारर 'संजू' पहले नंबर पर है, जबकि दूसरी पोजिशन पर सलमान खान की 'रेस-3' है.

Friday, August 17, 2018

कांशीराम को राष्ट्रपति बनाना चाहते थे अटल बिहारी वाजपेयी


अटल बिहारी वाजपेयी ने कांशीराम को राष्ट्रपति और एपीजे अब्दुल कलाम को मंत्री बनाने का ऑफर दिया था. दोनों शख्सियतों ने प्रस्ताव ठुकरा दिया था


कांशीराम और एपीजे अब्दुल कलाम ने क्यों ठुकरा दिया था अटल का ऑफर?





अटल बिहारी वाजपेयी हर किसी को साधकर चलते थे. हर पार्टी में, हर विचारधारा के लोग उनके दोस्त थे. उनका एक दिलचस्प वाकया कांशीराम और एपीजे अब्दुल कलाम से जुड़ा है. वे कांशीराम को राष्ट्रपति और एपीजे अब्दुल कलाम को अपनी कैबिनेट में मंत्री बनाना चाहते थे. लेकिन दोनों शख्सियतों ने अटल का प्रस्ताव ठुकरा दिया था. न कलाम मंत्री बनने को राजी थे और न कांशीराम राष्ट्रपति बनने के लिए. लेकिन दोनों के साथ अटल का संबंध लगातार बना रहा.
बीएसपी के संस्थापक कांशीराम (File photo)
नारायण के मुताबिक "वाजपेयी के प्रस्ताव को कांशीराम ने इसलिए ठुकरा दिया था क्योंकि वे जानते थे कि असली पावर राष्ट्रपति में नहीं बल्कि प्रधानमंत्री के पद में है. वह जानते थे कि राष्ट्रपति बनाकर उन्हें चुपचाप बैठा दिया जाएगा. इसके लिए वह तैयार नहीं थे. इसीलिए तब कांशीराम ने वाजपेयी से कहा था कि वह राष्ट्रपति नहीं बल्कि प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं."


कांशीराम का नारा था, 'जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी.' वह देश के ​दलितों को सत्ता का केंद्रबिंदु बनाना चाहते थे. ऐसे में वह केवल राष्ट्रपति बनकर मूक नहीं बनना चाहते थे. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि वाजपेयी कांशीराम के लक्ष्य को समझ नहीं पाए. कांशीराम का असली उद्देश्य देश के दलित समाज को उच्च पदों पर आसीन करना था.

कांशीराम ने मायावती को देश की पहली ​दलित महिला मुख्यंमत्री बनाकर अपने सपने को सच भी कर दिखाया. कांशीराम ने अछूतों और दलितों के राजनीतिक एकीकरण के लिए जीवनभर काम किया. समाज के दबे-कुचले वर्ग के लिए एक ऐसी जमीन तैयार की जहां पर वे अपनी बात कह सकें.
कांशीराम की जीवनी 'कांशीराम: द लीडर ऑफ द दलित्स' लिखने वाले बद्रीनारायण कहते हैं " हां, ये बात सही है कि अटल बिहारी वाजपेयी ने कांशीराम को राष्ट्रपति बनने का ऑफर दिया था. यह उस वक्त की बात है जब यूपी में बसपा-भाजपा की मिलीजुली सरकार चल रही थी. उस वक्त दोनों दलों में अच्छे संबंध थे. वाजपेयी के ऑफर के बारे में खुद कांशीराम कहा करते थे."

सैमसंग ने चीन में स्मार्टफोन्स का उत्पादन घटाया, अब भारत पर जोर



नई दिल्ली: 


सैमसंग चीन में अपने स्मार्टफोन का उत्पादन घटाने जा रहा है, क्योंकि इस देश में उसकी बिक्री में गिरावट आ रही है, जबकि कंपनी का जोर अब भारत और वियतनाम के बाजारों पर है. निक्कई एशियन रिव्यू की सोमवार देर रात की रपट में कहा गया है, "सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स चीन में अपने स्मा है. इससे यह साबित होता है कि कैसे दक्षिण कोरियाई दिग्गज दुनिया के सबसे बड़े स्मार्टफोन बाजार में वापसी के लिए संघर्ष कर रहा है". कंपनी इसके अलावा भारत और वियतनाम जैसे तेजी से बढ़ते बाजारों में उत्पादन बढ़ाने पर जोर दे रही है.


निक्केई एशियन रिव्यू में अमेरिकी मार्केट रिसर्च फर्म क्रिएटिव स्ट्रेटेजिज के विश्लेषक कैरोलीना मिलानेसी के हवाले से बताया, "मैं समझता हूं कि सैमसंग को चीन पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है. चीन एक बड़ा बाजार है, मेरा मानना में चीन में अधिक केंद्रित दृष्टिकोण से कंपनी को अपनी उम्मीदों को पूरा करने में मदद मिलेगी."









(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

बिछड़ गया यार : कांपते हाथों से आडवाणी ने दी अटल को श्रद्धांजलि, लौटे तो कांपे कदम




65 सालों अटल-आडवाणी राजनीति में एक नाम बन गये थे.

खास बातें

अटल-आडवाणी भारतीय राजनीति का एक नाम
साथ मिलकर की थी बीजेपी की स्थापना
राजनीति में हिट जोड़ी थी दोनों की


नई दिल्ली: राजघाट के पीछे स्मृति वन का माहौल ही कुछ ऐसा था. भावनाओं का ज्वार उमड़ पड़ रहा था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सहित देश-विदेश नेताओं को ने अटल बिहारी वाजपेयीको श्रद्धांजलि दी. लेकिन उस समय भावनाओं का ज्वार सबकी आंखों में आ गया जब कांपती हांथों से लालकृष्ण आडवाणी ने उस शख्स को श्रद्धांजलि जिसके साथ उन्होंने जीवन के 65 सालों बिताये. जनसंघ से दोनों का सफर शुरू हुआ था उसके बाद दोनों ने मिलकर बीजेपी की स्थापना की. आज बीजेपी केंद्र सहित 20 राज्यों की सत्ता में है. 
           आडवाणी की श्रद्धांजलि के साथ ही एक राजनीति का एक पूरा युग सबकी आंखों में तैर गया. भावुक आडवाणी जैसे ही श्रद्धांजलि देकर पीछे मुड़ते हैं तो कुछ कदम चलते ही उनके पैर लड़खड़ा जाते हैं. उस समय ऐसा ललगता है कि मानो लालकृष्ण आडवाणी के कदमों को किसी ने रोक लिया है. लेकिन फिर वह धीरे-धीरे कदमों से आगे बढ़ते चले गये. उनके गदुख और दर्द को साफ देखा और समझा जा सकता था.
       अटल बिहारी वाजपेयी की मुलाकात लालकृष्ण आडवाणी से कैसे हुई यह कहानी भी बहुत रोचक है. अटल जी एक बार सहयोगी के तौर पर पंडित श्यामा प्रसाद मुखर्जी के साथ ट्रेन से मुंबई जा रहे थे. मुखर्जी कश्मीर के मुद्दे पर पूरे देश का दौरा कर रहे थे. लालकृष्ण आडवाणी कोटा में प्रचारक थे. उनको पता लगा कि उपाध्याय जी इस स्टेशन से गुजरने वाले हैं तो वह मिलने आ गये. वहीं पर मुखर्जी ने दोनों की मुलाकात करवाई थी.

Wednesday, August 15, 2018

INDvsENG: तीसरे टेस्ट के लिए टीम में हो सकते हैं ये दो 'विराट' बदलाव




नई दिल्ली। भारत-इंग्लैंड के बीच खेली जा रही पांच टेस्ट मैचों की सीरीज के पहले दो मुकाबले में भारत को हार का सामना करना पड़ा। वहीं इस प्रदर्शन के बाद भारतीय क्रिकेट टीम और कप्तान विराट कोहली की काफी आलोचना भी हो रही है। वहीं टीम के चयन को लेकर भी कप्तान विराट लोगों के निशाने पर हैं। ऐसे में तीसरा टेस्ट जीतना विराट के लिए बड़ी चुनौती हो गई है। बता दें कि तीसरा मुकाबला 18 अगस्त से नॉटिंघग के ट्रेंट ब्रिज क्रिकेट ग्रांउड में खेला जाएगा। वहीं ग्लैंड ने उसे एजबैस्टन में खेले गए पहले मुकाबले में 31 रन और लॉर्ड्स में खेले गए दूसरे मुकाबले में पारी और 159 रन से करारी शिकस्त दी थी।
 भारत के लिए एक अच्छी खबर यह है कि तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह चोट से उबर चुके हैं। इस तरह नॉटिंगम टेस्ट मैच के लिए भारतीय टीम में दो बदलाव देखें जा सकते हैं। गौरतलब हो कि आयरलैंड के खिलाफ खेले गए मुकाबले में बुमराह को अंगूठे में चोट लग गई थी। वहीं अब तीसरे टेस्ट के लिए वो बिल्कुल फिट हैं। ऐसे में कुलदीप यादव और उमेश यादव को बेंच पर बैठना पड़ सकता है। टीम की नाजुक स्थिति को देखते हुए बुमराह का मैच में उतरना लगभग तय माना जा रहा है। वहीं टीम में दूसरा बदलाव विकेटकीपर दिनेश कार्तिक की जगह युवा खिलाड़ी रिषभ पंत के रूप में हो सकता है। कार्तिक का बल्ले और विकेटकीपिंग दोनों में ही प्रदर्शन निराशाजनक ही रहा है। ऐसे में हो सकता है कि नॉटिंघम में रिषभ पंत अपना डेब्यू मैच खेल सकते हैं।

भारत में लॉन्च हुए वीवो के नए स्मार्टफोन Vivo Y81 के खास फीचर्स





Vivo कंपनी का एक और स्मार्टफोन आज भारत में लॉन्च हो गया है। चीन की इस स्मार्टफोन कंपनी वीवो ने Vivo Y81 को भारत में लॉन्च कर दिया है। इस फोन को इससे पहले वियतनाम में लॉन्च किया गया था। यह एक मिड-रेंज स्मार्टफोन है जो मार्केट में मौजूद कई मिड-रेंज स्मार्टफोन को टक्कर देगा। इस फोन की कीमत 12,999 रुपए है और इस रेंज में Xiaomi Redmi Note 5 और Honor 9N जैसे स्मार्टफोन भी मार्केट में धूम मचा रहे हैं। ऐसे में वीवो के इस नए फोन के आ जाने से इस रेेंज के स्मार्टफोन का कंप्टीशन बढ़ जाएगा। हालांकि ग्राहकों के लिए अच्छा ही है क्योंकि उन्हें एक अतिरिक्त विकल्प मिल गया है।  
डिस्प्ले और प्रोसेसर
 अब इस स्मार्टफोन की कुछ खास बातों यानि कि फीचर्स के बारे में बात कर लेते हैं। यह एक डुअल सिम स्मार्टफोन है। यह एंड्रॉयड 8.1 ओरियो पर आधिरित है और फनटच OS 4.0 पर चलता है। इस शानदार मिड रेंज स्मार्टफोन में 2 गीगाहर्ट्ज़ ऑक्टा-कोर मीडियाटेक एमटी6762 प्रोसेसर का उपयोग किया गया है। इस फोन का एचडी आईपीएस डिस्प्ले 6.22 इंच का है। जिसका रिजॉल्यूशन 720x1520 पिक्सल है और ऑस्पेक्ट रेशियो 19:9 है। इस फोन के डिस्प्ले में गोरिल्ला ग्लास लगा हुआ है जिसका प्रोटेक्शन भी काफी मजबूत है। स्टोरेज क्षमता की बात करें तो उसके लिए इस फोन में 3 जीबी रैम के साथ 32 जीबी इंटरनल स्टोरेज भी दिया गया है। जिसे जरूरत पड़ने पर माइक्रो एसडी कार्ड की मदद से 256 जीबी तक बढ़ाया जा सकता है
 कैमरा सेटअप और कनेक्टिविटी
 अब इस फोन के कैमरा सेटअप की बात करते हैं। यह स्मार्टफोन इस विभाग में भी अच्छा है। इस फोन में 13 मेगापिक्सल का रियर कैमरा दिया गया है, जिसका अपर्चर F/2.2 है। इसमें 5 मेगापिक्सल का सेल्फी कैमरा दिया गया है जिसके साथ-साथ इसमें एक एलईडी फ्लैश भी शामिल है। इस फोन के फ्रंट कैमरे का भी अपर्चर F/2.2 ही है। इसके अलावा इस फोन में एक दमदार बैटरी भी लगाई गई है जो 3260 एमएएच की है। इस फोन में कनेक्टिविटी फीचर के लिए 4G LTE, ब्लूटूथ 5.0 समेत वाईफाई, जीपीएस, यूएसबी जैसी तमाम सुविधाएं भी मौजूद हैं।

नवंबर में इस दिन सात फेरे लेंगे दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह, कंफर्म हुई शादी की तारीख!




नई दिल्ली। एक्ट्रेस अनुष्का शर्मा और सोनम कपूर के बाद अब दीपिका पादुकोण भी जल्द शादी के बंधन में बंधने जा रही हैं। दीपिका और रणवीर सिंह इस साल के अंत तक शादी करेंगे। बॉलीवुड का ये फेमस कपल पिछले 6 साल से एक-दूसरे के साथ है और अब इस साल ये इस रिश्ते को एक कदम आगे ले जा रहे हैं। ये खबर तो पहले ही आ चुकी थी कि दीपिका और रणवीर मुंबई में नहीं, बल्कि इटली में शादी करेंगे। अब दोनों की शादी की तारीख भी सामने आ गई है।
 तो नवंबर में इस दिन होगी शादी! 
बॉलीवुड के 'राम-लीला' और 'बाजीराव-मस्तानी' अपने रिश्ते को एक कदम आगे ले जाते हुए इस साल नवंबर में शादी के बंधन में बंधने जा रहे हैं। फिल्मफेयर के अनुसार दोनों की शादी की तारीख भी पक्की हो गई है और दीपिका-रणवीर 20 नवंबर को सात फेरे लेगें। खबर के मुताबिक दोनों की इस शादी में केवल परिवार और करीबी दोस्त शामिल होंगे। कहा जा रहा है कि शादी समारोह काफी निजी रहेगा और करीब 30 लोग इस शादी का हिस्सा बनेंगे।

इटली में होगी साल की सबसे बड़ी शादी
 दीपिका और रणवीर 'विरुष्का' की राह चलते हुए शादी करेंगे। दोनों ने शादी के लिए भारत की बजाय यूरोप को चुना है और फिल्मफेयर की मानें तो ये शादी भी इटली में हो सकती है। पिछले कुछ समय में इटली शादी के लिए बॉलीवुड की टॉप पसंदीदा डेस्टीनेशन बनकर उभरा है। रानी मुखर्जी के बाद विराट-अनुष्का ने इस खूबसूरत देश में शादी की और अब दीपिका-रणवीर भी इटली में शादी करने जा रहे हैं।

शादी के बाद मुंबई में होगा ग्रैंड रिसेप्शन
 जहां विराट-अनुष्का ने शादी के लिए फ्लोरेंस, टस्कनी को चुना था, वहीं रणवीर-दीपिका लोम्बार्डी के लेक कोमो में शादी करेंगे। इटली का ये पॉश डेस्टीनेशन खूबसूरत पहाड़ों और हरे-भरे वातावरण के लिए जाना जाता है। पास में बड़ी सी झील से ये जगह किसी पेंटिंग सरीखी लगती है। दीपिका और रणवीर दोनों ही विदेश में शादी करना चाहते थे और उन्होंने इस जगह पर अपनी मुहर लगा दी है। शादी के बाद दोनों मुंबई में बड़ा रिसेप्शन देंगे।

सत्यमेव जयते फिल्म रिव्यू :



Star Cast: जॉन अब्राहम, मनोज वाजपेयी, नूरा फतेही
Director: मिलाप जावेरी

जॉन अब्राहम 500 रूपये के नोटों के बंडल के साथ आते हैं उन्हें नोट पकड़ाते हैं और कहते हैं - नोट बदले लेकिन नीयत नहीं। शुरूआत के लिए ये केवल जॉन अब्राहम और मनोज बाजपेयी की सत्यमेव जयते की एक छोटी सी झलक है।
 मिलाप झावेरी की ये फिल्म आपको पुराने ज़माने में वापस लेकर जाएगी। सत्यमेव जयते अगर गदर के ज़माने की फिल्म होती तो सॉलिड कमाई करती क्योंकि ये बिल्कुल उसी ढंग की मसाला 2इंटरटेनर है। जहां दर्शक हीरो के डायलॉग सुनकर सीटी मारते थे और मारते जाते थे। भ्रष्टाटार और कुर्सी आज के ज़माने की दो बड़ी समस्याएं हैं जिन्हें लेकर मिलाप ने बिल्कुल कॉमर्शियल इंटरटेनर बनाने की कोशिश की है। अगर फिल्म के प्लॉट की बात करें तो जॉन अब्राहम का किरदार वीर एक सीरियल किलर बन चुका है और उन सारे लोगों को मौत के घाट उतार रहा है जो कि वर्दी पहनकर भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी करते हैं। तो हमारा ये हीरो इन लोगों को चुन चुन के मारता है। और कैसे मारता है? सीधा जला देता है। और इस गुस्से का कारण है उसका अतीत। और बदला लेने की एक प्रतिज्ञा।
 अब आते हैं इंस्पेक्टर शिवांश यानि कि मनोज बाजपेयी जो कि एक बड़ी मछली पकड़ना चाहते हैं इसलिए इस सीरियल किलर को पकड़ने का प्रण लेते हैं। वहीं दूसरी तरफ जब वीर देश से भ्रष्ट लोगों को जला नहीं रहा होता है तो वो कूड़ेदान से कुत्ते के पिल्ले उठाकर उनकी ज़िंदगी बचाने उन्हें एक जानवरों की डॉक्टर शिखा (आएशा शर्मा) के पास लेकर जाता है। ज़ाहिर सी बात है प्यार प्यार प्यार। बाकी का पूरा प्लॉट वीर और शिवांश की लुका छिपी का खेल है। पहले ही फ्रेम से मिलाप झावेरी ने साफ कर दिया है कि वो आपको 70, 80, 90 के दशक का इंटरटेनमेंट देने आए हैं। जहां हीरो के साथ कुछ गलत होता है, फिर वो बदला लेने के लिए खुद गलत हो जाता है। कुछ बेहद भारी भरकम डायलॉग मारता है और दर्शक सीटियां मारते हैं। सत्यमेव जयते की स्क्रिप्ट जहां भी ढीली पड़ी है, फिल्म के डायलॉग्स ने बचा लिया है। इंटरवल के ठीक पहले फिल्म में एक ट्विस्ट आएगा जो आपके होश उड़ा देगा लेकिन क्लाईमैक्स आपको बुरी तरह निराश कर देगा।
 जॉन अब्राहम ने फिल्म में वही किया है जो वो बेस्ट करते हैं - बॉडी दिखाना, अपने हाथ से कार का पहिया उखाड़ देना और ना जाने क्या क्या। फिल्म का एक्शन केवल खून और खून है। लेकिन बात वहीं अटक जाती है जॉन के डायलॉग्स महफिल जमा देते हैं। मनोज बाजपेयी इस फिल्म के मसाले को थोड़ा कम कर, फिल्म को संभालने की कोशिश करते दिखते हैं। आएशा शर्मा स्क्रीन पर अच्छी दिखी हैं लेकिन उनके किरदार के पास करने को कुछ नहीं था। वहीं अमृता खानविलकर का भी रोल दमदार नहीं दिखता। नोरा फतेही का दिलबर, फिल्म का शानदार पॉइंट है लेकिन बाकी गानों में कोई मज़ा नहीं है। सत्यमेव जयते, नई बोतल में डाली हुई पुरानी शराब है जहां केवल डायलॉगबाज़ी पूरी फिल्म को बचा ले जाती है। इस फिल्म को देखिए लेकिन केवल पुराना ज़माना याद करने के लिए।

नागवंश और नाग पूजा : नागपंचमी


एक जानकारी के मुताबिक, उड़ने वाले सांपों की प्रजाति का पता चला है। दक्षिण अमेरिका में इस प्रकार की प्रजाति के सांप के फन अवशेष शोधकर्ताओं को प्राप्त हुए टेरासोर।
की इस नई प्रजाति को 'ऑलकारेन' नाम दिया गया है। शोधकर्ताओं का प्रमुख उद्देश्य उड़ने वाले सांपों के खास समूह की उत्‍पत्ति व विकास के बारे में नई जानकारी के साथ उनके मस्तिक संरचना को समझना आदि रहा है।

कुछ वर्ष पूर्व भी उड़ने वाले सांपों की प्रजाति मिली थी, जो क्रिसोपेलिया प्रजाति की पाई गई थी। ये सांप एक पेड़ से दूसरे पेड़ पर छलांग लगाते समय अपने शरीर के आकार में परिवर्तन कर लेते हैं। ये एक पेड़ से दूसरे पेड़ पर छलांग लगाकर पहुंचते हैं, जिससे सभी को उड़ने का आभास होता है। भारत में भी कई प्रदेशों के अलावा वर्षा वनों में पेड़ों पर ये अपना बसेरा करते हैं।


सांपों की बात करें तो, मणिधारी, इच्छाधारी, मूंछ वाले सांप, सात फन वाले आदि सांपों के बारे में कहानी-किस्से वर्षों से सुनते आ रहे हैं, मगर देखा किसी ने नहीं। नागपंचमी को सांप पंचमी क्यों नहीं कहा जा सकता? सरीसृप प्रजाति के प्राणी को पूजा जाता है, वह सर्प है किन्तु नाग तो एक जाति है, जिनके संबंध में अलग-अलग मत हैं- यक्षों की एक समकालीन जाति सर्प चिन्ह वाले नागों की थी, जो यहां भी दक्षिण भारत में पनपी थी। नागों ने लंका के कुछ भागों पर ही नहीं वरन प्राचीन मलाबार पर अधिकार जमा रखा था। रामायण में सुरसा को नागों की माता और समुद्र को उनका अधिष्ठान बताया गया है।

महेंद्र और मैनाक पर्वतों की गुफाओं में भी नाग निवास करते थे। हनुमानजी द्वारा समुद्र लांघने की घटना को नागों ने प्रत्यक्ष देखा था। नागों की स्त्रियां अपनी सुंदरता के लिए प्रसिद्ध थीं। रावण ने कई नाग कन्याओं का अपहरण किया था। प्राचीनकाल में विषकन्याओं का चलन भी कुछ ज्यादा ही था। इनसे शारीरिक संपर्क करने पर व्यक्ति की मौत हो जाती थी। ऐसी विषकन्याओं को राजा अपने राजमहल में शत्रुओं पर विजय पाने तथा षड्यंत्र का पता लगाने हेतु भी रखा करते थे। रावण ने नागों की राजधानी भोगवती नगरी पर आक्रमण करके वासुकि, तक्षक, शंक और जटी नामक प्रमुख नागों को परास्त किया था।


कालान्तर में नाग जाति चेर जाति में विलीन गई, जो ईस्वी सन् के प्रारंभ में अधिक संपन्न हुई थी। नागपंचमी मनाने हेतु एक मत यह भी है कि अभिमन्यु के बेटे राजा परीक्षित ने तपस्या में लीन मैंनऋषि के गले में मृत सर्प डाल दिया था। इस पर ऋषि के शिष्य श्रृंगी ऋषि ने क्रोधित होकर शाप दिया कि यही सर्प सात दिनों के पश्चात तुम्हें जीवित होकर डंस लेगा, ठीक सात दिनों के पश्चात उसी तक्षक सर्प ने जीवित होकर राजा को डसा। तब क्रोधित होकर राजा परीक्षित के बेटे जन्मजय ने विशाल सर्प यज्ञ किया, जिसमें सर्पों की आहुतियां दीं। इस यज्ञ को रुकवाने हेतु महर्षि आस्तिक आगे आए।


उनका आगे आने का कारण यह था कि महर्षि आस्तिक के पिता आर्य और माता नागवंशी थी। इसी नाते से वे यज्ञ होते देख न देख सके। सर्प यज्ञ रुकवाने, लड़ाई को ख़त्म करके पुनः अच्छे सबंधों को बनाने हेतु आर्यों ने स्मृति स्वरूप अपने त्योहारों में 'सर्प पूजा' को एक त्यौहार के रूप में मनाने की शुरुआत की। नागवंश से ताल्लुक रखने पर उसे नागपंचमी कहा जाने लगा होगा। मास्को के लेखक ग्रीम वागर्द लोविन ने प्राचीन 'भारत का इतिहास' में नाग राजवंशों के बारे में बताया कि मगध के प्रभुत्व में सुधार करने के लिए अजातशत्रु का उत्तराधिकारी उदय (461 ई.पू.) राजधानी को राजगृह से पाटलीपुत्र ले गया, जो प्राचीन भारत प्रमुख बन गया। अवंति शक्ति को बाद में राजा शिशुनाग के राज्यकाल में ध्वस्त किया गया था। एक अन्य राज शिशुनाग वंश का था।

शिशु नाग वंश का स्थान नन्द वंश (345 ई.पू.) ने लिया। भाव शतक में इसे धाराधीश बताया गया है अर्थात नागोह्ण का वंश राज्य उस समय धारा नगरी (वर्तमान में धार) तक विस्तृत था। धाराधीश मुंज के अनुज और राजाभोज के पिता सिन्धुराज या सिंधुज ने विंध्याटवी के नागवंशीय राजा शंखपाल की कन्या शशिप्रभा से विवाह किया था। इस कथानक पर परमार कालीन राज कवि परिमल पदमगुप्त ने नवसाहसांक चरित्र ग्रंथ की रचना की। मुंज का राज्यकाल 10वीं शती (ई.पू.) का है। अतः इस काल तक नागों का विंध्य क्षेत्र में अस्तित्व था। नागवंश का अंतिम राजा गणपतिनाग था। वंश की नाग जनजाति का नर्मदा घाटी में निवास स्थान होना बताया गया है।

हेययो ने नागों को वहां से उखाड़ फेंका था। कुषान साम्राज्य के पतन के बाद नागों का पुनरोदय हुआ और ये नव नाग कहलाए। इनका राज्य मथुरा, विदिशा, कांतिपुरी, (कुतवार) व पद्मावती (पवैया) तक विस्तृत था। नागों ने अपने शासनकाल के दौरान जो सिक्के चलाए थे। उसमें सर्प के चित्र अंकित थे। इससे भी यह तथ्य प्रमाणित होता है कि नागवंशीय राजा सर्प पूजक थे। शायद इसी पूजा की प्रथा को निरंतर रखने हेतु श्रावण शुक्ल की पंचमी को नागपंचमी का चलन रखा गया होगा। कुछ लोग नागदा नामक ग्रामों को नागदाह से भी जोड़ते हैं। शायद यहीं पर सर्प यज्ञ हुआ होगा। नाग-नागिन की प्रतिमाएं और चबूतरे अधिकतर गांव में बने हुए हैं, इन्हें भिलट बाबा के नाम से भी पुकारा जाता है।

उज्जैन में नागचंद्रेश्वर का मंदिर नागपंचमी के दिन ही खुलता है व सर्प उद्यान भी है। खरगोन में नागलवाड़ी क्षेत्र में नागपंचमी के दिन मेला व बड़े ही सुसज्जित तरीके से भंडारा होता है। देखा जाए तो हर गांव-शहर में नाग मंदिर स्थापित है। सर्प दूध नहीं पीता है, उनकी पूजा और रक्षा करना हमारा कर्तव्य है। सर्प कृषि मित्र भी है, वह फसलों को हानि पहुंचाने वाले जीवों से फसलों की रक्षा करता है।

इस सावन सोमवार बनाइए साबूदाना की स्वादिष्ट खिचड़ी, रेसिपी बता रहे हैं संजीव कपूर

साबूदाना कार्बोहाडड्रेट का अच्छा सोर्स है जो दिनभर एनर्जी देने का काम करता है।




आज सावन का दूसरा सोमावार है। भगवान शिव की पूजा करने वाले ज्यादातर लोग उपवास  रखते हैं, और दिन में एक बार ही भोजन लेते हैं। ऐसे में आपको जरूरी है खाने में ऐसी डिश जो आपको एनर्जी दे और भूख का एहसास ना हो । ऐसी ही ऐक डिश हैं साबूदाने की खिचड़ी। डाइटीशियन इंदू टॉक के अनुसार व्रत में साबूदाना कमजोरी आने से रोकता है। साबूदाने में प्रोटीन, कैल्शियम और आयरन अच्छी मात्रा में पाया जाता है। जो मसल्स और बोन के लिए फायदेमंद है। यह कार्बोहाडड्रेट का अच्छा सोर्स है जो दिनभर एनर्जी देने का काम करता है। यह मेटाबॉलिज्म को दुरुस्त कर गैस, अपचन  और कब्ज से भी बचाता है। शेफ संजीव कपूरसे जानते हैं इसे साफ्ट और टेस्टी  कैसे बनाएं...



साबूदाने की खिचड़ी
सामग्री:डेढ़ कप साबूदाना, आधा कप मूंगफली के दाने, हरी मिर्च 4-5, एक आलू मीडियम साइज, देसी घी 3 टेबल स्पून, कढ़ी पत्ते, जीरा एक टेबलस्पून, सेंधा नमक स्वादानुसार,  हरी धनिया की पत्तियां।

विधि :
- साबूदाना साफ करके अच्छे से धो लें और 3-4 घंटे के लिए पानी में भिगो कर रख दें। बनाने से कुछ देर पहले पानी से निकालकर रख दें।
- गैस पर कड़ाही रखकर मूंगफली दाना भूनकर दानों के छिलके उतार लें। अब मूंगफली दानों को मिक्सर में दरदरा पीस लें।
- हरी मिर्च की डेट  हटाकर छोटा-छोटा काट लें। आलू को छीलकर छोटे-छोटे टुकड़े काट लें। हरी धनिया को बारीक काट लें।
- पैन में घी गर्म करें। इसमें कढ़ी पत्ते, जीरा और कटी हुई हरी मिर्च डालें। जब जीरा लाल होने लगे तो कटा हुआ आलू डालें।
- आलू लाल होने तक फ्राई करें। अब इसमें साबूदाना,  और मूंगफली डालें। इसे 4-5 मिनट तक फ्राई करें और हिलाते रहें।
- अब इसमें थोड़ा सा पानी छिड़कें, सेंधा नमक डालें और अच्छे से मिलाएं। इसे बाउल में निकालें और धनिये की पत्तियां डालकर सर्व करें।

न्यूट्रिशनल वैल्यू
कैलोरी : 964
कार्बोहाइड्रेट : 158 ग्राम
प्रोटीन : 16.4 ग्राम
फैट: 29.5 ग्राम

आज हैं करोड़ों की मालकिन,जीन को गाड़ी में डीजल भरवाने को पैसे नहीं थे,वे कमाती हैं इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट से साढ़े तीन करोड़

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सेलेना गोमेज़ पांच साल की थीं तब उनके माता-पिता अलग हो गए थे। बचपन में उन्हें ओर उनके परिवार को आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था;

सेलेना गोमेज़ एक अमेरिकन एक्टर और सिंगर हैं। इंस्टाग्राम पर इनके लगभग 12 करोड़ फॉलोअर्स हैं। जब भी उनके इंस्टाग्राम अकाउंट पर किसी प्रोडक्ट या ब्रांड की पोस्ट को शामिल किया जाता है तो ऐसी हर पोस्ट से वे लगभग साढ़े तीन करोड़ रुपए कमा लेती हैं। काफी संघर्ष और जीवन में ऊतार-चढ़ाव देखने के बाद सफलता हासिल करने वाली सेलेना लगातार पॉप्युलर हो रही हैं।

 संघर्ष में सफलता की कहानी
1-सेलेना का जन्म 22 जुलाई 1992 में अमेरिका के टेक्सास में हुआ था। जब जन्म हुआ तब उनकी मां की उम्र केवल 16 साल थी। वे पांच साल की थीं जब उनके माता-पिता अलग हो गए थे। बचपन में उन्हें और उनके परिवार को आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था ।
2-उनकी मां अमैंडा डान मैंडी को घर चलाने के लिए  बहुत सी मुश्किलें उठानी पड़ी थी । एक समय पर तो कार में डीजल डलवाने के पैसे भी उनके पास नहीं हुआ करते थे। तब उन्हें घर में पैसे तलाशने पड़ते थे।
3-उनकी मां ने सेलेना की बेहतर परवरिश के लिए काफी मेहनत की और अपना सारा जीवन जैसे सेलेना के लिए कुर्बान कर दिया। अपनी मां को स्टेज पर ड्रामा के लिए तैयार होता देखकर सेलेना का भी एंटरटेनमेंट के प्रति आत्मविश्वास  पैदा हुआ।
4- स्कूल में होने वाले ड्रामा में वो अच्छी एक्टिंग किया करती थीं और लोगों का मनोरंजन करना ही उनका लक्ष्य था ।उन्होंने अलग-अलग रोल्स के लिए ऑडिशन देने शुरू किए। बाल कलाकार के रूप में उन्हें पहला रोल बार्ने एंड फ्रेंड्स में मिला।
5- डिज्नी चैनल के कार्यक्रम विज़र्ड्स ऑफ वेवर्ली प्लेस में बाल कलाकार के रूप में उन्हें प्रसिद्धि मिली। उन्हें इसी शो के थीम सॉन्ग "एवरीथिंग इज नॉट व्हॉट इट सीम्स' रिकॉर्ड करने के दौरान अपने सिंगिंग टैलेंट के बारे में भी पता चला। इसके बाद उन्हें हॉलीवुड रिकॉर्ड्स की तरफ से रिकॉर्डिंग कॉन्ट्रैक्ट भी मिले।
6- हॉलीवुड रिकॉर्ड्स के साथ कॉन्ट्रैक्ट का फायदा उठाते हुए उन्होंने सेलेना गोमेज़ एंड द सीन नाम का बैंड बनाया और कुछ ही समय बाद अपना पहला एल्बम 'किस एंड टेल' रिलीज किया। इस बैंड के साथ उन्होंने कुल तीन ही एल्बम रिलीज किए थे। तीसरे एलबम के बाद उन्होंने इस बैंड से ब्रेक ले लिया और अपने सोलो करियर की शुरुआत करने के बारे में सोचा।
7- कुछ ही समय बाद सेलेना ने अपना पहला सोलो एल्बम "फॉर यू' रिलीज किया। लेकिन ये एल्बम कुछ ज्यादा नहीं चला और केवल 36000 कॉपियां ही बिकीं। इस समय तक हॉलीवुड रिकॉर्ड्स के साथ उनका कॉन्ट्रैक्ट खत्म हो गया था।
8-कुछ महीनों बाद उन्हें इंटरस्कोप रिकॉर्ड्स की तरफ से कॉन्ट्रैक्ट मिला। इसी दौरान उन्होंने ज़ेड के साथ भी एक गाना गाया। ये गाना काफी मशहूर हुआ और बिलबोर्ड के चार्ट्स में टॉप पर पहुंचा। इसके बाद उनका सिंगल "गुड फॉर यू' रिलीज हुआ जो काफी मशहूर हुआ। इसकी 1 लाख 70,000 से ज्यादा कॉपियां बिकीं।
9- लगभग तीन साल तक जस्टिन बीबर के साथ सेलेना का रिश्ता जुड़ा था लेकिन उनके दूसरी एल्बम रिवाइवल की घोषणा तक ये रिश्ता खत्म हो गया।

10-2017 में उन्होंने "13 रीजन्स व्हाय' टेलीविजन सीरीज नेटफ्लिक्स के साथ रिलीज की गई है,  जो काफी सराही गई। न्यूज़ रिपोर्टर्स के नुसार सेलेना का इंस्टाग्राम अकाउंट अब उनके असिस्टेंट मैनेज करते हैं।

Tuesday, August 14, 2018

15 August 2018: 'देश पर मरने वाला कभी नहीं मरता', पढ़ें देशप्रेम से भरे 15 दमदार Dialogues




15 August 2018: देशभक्ति से ओत-प्रोत बॉलीवुड की ये फिल्में

नई दिल्ली: देशभर में 15 अगस्त (15 August, 2018) का जश्न मनाने की तैयारियां जोर-शोर से की जा रही है. 72वें स्वतंत्रता दिवस (72th Independence Day) का जश्न धूमधाम से मनाया जा रहा है. पूरे भारत में हर ओर सिर्फ और सिर्फ देशभक्ति का मौहाल नजर आ रहा है. वैसे, देशप्रेम का यह गुण बॉलीवुड की फिल्मों में बढ़-चढ़कर दिखाया गया है. फिल्ममेकर्स ने वतन प्रेमियों के लिए कई बेहतरीन फिल्में बनाई. इन फिल्मों की कहानी, गानों से लेकर इसके डायलॉग्स देशभक्ति का जज्बा जगाते हैं. आजादी के 71 साल के मौके पर एक नजर डालते हैं, बॉलीवुड फिल्मों के उन पॉपुलर 15 डायलॉग्स पर, जिन्हें सुनते ही वतन के लिए हमारा प्यार और सम्मान दोगुना हो जाता है...


1- देश पर मरने वाला कभी नहीं मरता... (फिल्म: पूरब और पश्चिम)

2- रिलिजन वाला जो कॉलम होता है, उसमें हम बोल्ड और कैपिटल में INDIAN लिखते हैं. (फिल्म: बेबी)

3- ये आजादी की लड़ाई है... गुजरे हुए कल से आजादी... आने वाले कल के लिए... (फिल्म: मंगल पांडे)

4- ये मत सोचो कि देश तुम्हें क्या देता है... सोचो ये कि तुम देश को क्या दे सकते हो... (फिल्म: रोटी कपड़ा और मकान)

5- हमारा हिंदुस्तान जिंदाबाद था, जिंदाबाद है, जिंदाबाद रहेगा... (फिल्म: गदर: एक प्रेम कथा)
6- कोई भी देश परफेक्ट नहीं होता, इसे परफेक्ट बनाना पड़ता है.." (फिल्म: रंग दे बसंती)

7- आओ झुककर सलाम करें, उन्हें जिनके हिस्से में ये मुकाम आता है. किस कदर खुश नसीब हैं वो लोग, खून जिनके वतन के काम आता है. (फिल्म: अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों)8- जमीन तो मां होती है.. और मां के टुकड़े नहीं किए जाते... (फिल्म: उपकार)

9- जब जब इस देश में तुम जैसा राक्षस आएगा... मिटाके रख देगा उसे इस देश का ये तिरंगा... (फिल्म: कर्मा)


10- तुम लोग परिवार के साथ यहां चैन से जियो... इसलिए हम लोग रोज बॉर्डर पर मरते है... (फिल्म: हॉलिडे)

11- अब भी जिसका खून न खौले, खून नहीं वो पानी है.. जो देश के काम न आए वो बेकार जवानी है.. (फिल्म: रंग दे बसंती)

12- मुझे सिर्फ एक मुल्क का नाम सुनाई देता है I-N-D-I-A... (फिल्म: चक दे! इंडिया)

13- जिंदगी में सबसे बड़ी खुशी तब मिलती है... जब आपकी कंट्री का फ्लैग शान से लहर रहा होता है.. (फिल्म: यारियां)




14- आप नमक का हक अदा करो... मैं मिट्टी का हक अदा करता हूं... (फिल्म: द लीजेंट ऑफ भगत सिंह)

15- अपने यहां की मिट्टी की खुशबू है न, वो तो अजनबी लोगों की सांसों में भी संस्कार भर देती है... (फिल्म: पूरब और पश्चिम)

ई-फार्मेसी के लिए नये नियम लाने की तैयारी में स्वास्थ्य मंत्रालय

नई दिल्ली:  स्वास्थ्य मंत्रालय दवाओं की आनलाइन किब्री के लिए नियमों का नया सैट लाने की योजना बना रहा है. प्रस्तावित नियमों के तहत आनलाइन दवा बिक्री दुकानों ई फार्मेसी को एक केंद्रीय प्राधिकार के पास पंजीकरण करवाना होगा. इसके साथ ही इन्हें मादक द्रव्यों की बिक्री की अनुमति नहीं होगी.

मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय की दवा व कास्मेटिक नियम 1945 में संशोधन की योजना है ताकि ई फार्मेसी के लिए नियम बनाए जा सकें.

उन्होंने कहा कि मसौदा नियमों को राज्यों के साथ साझा किया गया है और राज्यों के दवा नियामकों की राय मांगी गई है.

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मसौदा नियमों के अनुसार आनलाइन फार्मेसी को केंद्रीय औषध मानक नियंत्रण संगठन ( सीडीएससीओ ) के यहां पंजीकरण करवाना होगा और उन्हें मादक व नशीली श्रेणी की दवाओं को बेचने की अनुमति नहीं होगी

एप्‍पल बनी 1 ट्रिलियन डॉलर की कंपनी

मार्किट के इतिहास में एप्‍पल गुरुवार को एक ट्रिलियन डॉलर की कंपनी बनी






नई दिल्ली: 

एप्‍पल एक ट्रिलियन यानी क़रीब 68,620 अरब रुपये की पहली लिस्टेड कंपनी बन गई यानी एप्‍पल का बाज़ार मूल्य भारतीय अर्थव्यवस्था का 38 फ़ीसदी हो गया है. एप्‍पल चाहे तो 3 अरब डॉलर की इकोनॉमी वाले पाकिस्तान जैसे तीन देशों को ख़रीद सकती है. दुनिया के सिर्फ़ 16 देश ही ऐसे हैं जिनकी जीडीपी ऐपल की मार्केट वैल्यू से ज़्यादा है यानी, एप्‍पल 177 देशों से ज़्यादा अमीर है.

सिलिकॉन वैली के एक गराज में 42 साल पहले शुरू हुई इस कंपनी ने यह मुकाम गुरुवार को हासिल किया. फैक्टसेट के अनुसार, एप्पल का शेयर गुरुवार को 5.89 डॉलर मजबूत होकर 207.39 डॉलर पर पहुंच गया. इससे कंपनी का बाजार मूल्यांकन एक हजार अरब डॉलर के पार करीब 1,001,679,220,000 डॉलर पर पहुंच गया. यह उपलब्धि 1997 में कल्पना से भी परे थी जब कंपनी दिवालिया होने की दहलीज पर पहुंच गयी थी. तब कंपनी को प्रतिद्वंद्वी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट से वित्तीय मदद लेनी पड़ी थी. एप्पल की इस ऐतिहासिक इबारत की नींव एक समय कंपनी से निकाल दिये गये सह-संस्थापक स्टीव जॉब्स ने लिखी.

अंतरिम मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) बनकर वापस कंपनी में लौटे जॉब्स ने आईफोन और आईपैड जैसे विशिष्ट उत्पाद पेश किये जिसने कंपनी को सफलता के नये पायदान पर पहुंचाया. अभी कंपनी के कुल राजस्व में आईफोन की करीब दो-तिहाई हिस्सेदारी है. कंपनी ने मंगलवार को जारी तिमाही वित्तीय परिणाम में कहा था कि इस दौरान उसके आईफोन की औसत कीमत पिछले साल की समान अवधि के 606 डॉलर की तुलना में 724 डॉलर प्रति स्मार्टफोन पर पहुंच गयी है. इसके बाद से कंपनी का बाजार मूल्यांकन करीब 83 अरब डॉलर बढ़ चुका है. पिछले दो दिन में कंपनी के शेयर नौ प्रतिशत चढ़े हैं जिससे इस साल के दौरान कंपनी का शेयर 23 प्रतिशत चढ़ चुका है.

गुरुवार एप्पल एक ट्रिलियन डॉलर के अंक से ऊपर बंद हुई. एप्‍पल के शेयर की कीमत में 2.79% की तेजी देखी गई. एप्‍पल के शेयर की कीमत 207.39 (लगभग 14,250 रुपये) पर बंद हुई. आपको बता दें कि महंगे स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनी एप्पल को पिछली तिमाही में बिक्री में खास बदलाव नहीं होने के बाद भी अधिक मुनाफा हुआ था. अमेरिका एवं चीन के बीच जारी शुल्क युद्ध का अभी कंपनी के प्रदर्शन पर कोई असर नहीं पड़ा. स्टीव जॉब्स ने 1976 में अपने गैरेज में दो अन्य साथियों के साथ एप्पल की नींव रखी थी और उसकी सालाना कमाई 89 देशों की जीडीपी से भी ज्यादा है. जॉब्स ने 1980 के करीब कंपनी छोड़ दी थी और एक दशक बाद जब एप्पल लड़खड़ाने लगी तो वे लौटे.
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गौरतलब है कि पिछले दिवस एप्पल के शेयर चार प्रतिशत चढ़ गये थे. एप्पल की बिक्री पिछले साल की तुलना में महज एक प्रतिशत बढ़ी जबकि औसत कीमत पिछले साल के 606 डॉलर के मुकाबले 20 प्रतिशत बढ़कर 724 डॉलर पर पहुंच गयी. कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी टिम कुक ने कहा था कि आलोच्य तिमाही के दौरान 999 डॉलर का आईफोन एक्स सबसे लोकप्रिय रहा. एप्प स्टोर, म्यूजिक सब्सक्रिप्शन एवं अन्य सेवाओं से प्राप्त राजस्व 31 प्रतिशत बढ़कर 9.5 अरब डॉलर पर पहुंच गया था. कंपनी का शुद्ध मुनाफा इस दौरान 32 प्रतिशत बढ़कर 11.52 अरब डॉलर पर पहुंच गयी. कुल राजस्व भी 17 प्रतिशत बढ़कर 53.27 अरब डॉलर पर पहुंच गयी थी. इस बीच आईडीसी के अनुसार एप्पल दूसरी सबसे बड़ी स्मार्टफोन निर्माता कंपनी का तमगा खो चुकी थी। उसने कहा कि चीन की कंपनी हुवावे ने एप्पल को पछाड़ दूसरा स्थान हासिल कर लिया. सैमसंग पहले स्थान पर बनी हुई है.

रिलायंस पॉवर का मुनाफा बढ़कर 237 करोड़ रुपये






मुंबई: 
चालू वित्त वर्ष की जून में खत्म हुई पहली तिमाही में रिलायंस पॉवर (आरपॉवर) के मुनाफे में 3 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है और यह 237 करोड़ रुपये रही, जबकि एक साल पहले की समान तिमाही में यह 230 करोड़ रुपये थी. 
कंपनी ने शनिवार को एक बयान में यह जानकारी दी और कहा कि समीक्षाधीन तिमाही में आरकॉम की कुल आय 2,371 करोड़ रुपये रही है और एबिट्डा (कर, वेतन अन्य देनदारियां चुकाने से पहले की आय) 1,089 करोड़ रुपये रही. 
कंपनी ने बयान में कहा कि मध्य प्रदेश के सासन अल्ट्रा-मेगा पॉवर प्लांट (यूएमपीपी) का प्लांट लोड फैक्टर (पीएलएफ) 98.2 फीसदी रहा, जोकि इस संयंत्र के शुरू होने के बाद से अब तक का सर्वाधिक है. 
बयान में कहा गया, "सासन का पीएलएफ पिछली दो तिमाहियों से कंपनी के देश भर के 1000 से ज्यादा थर्मल प्लांट्स में से सर्वाधिक रहा है."
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कंपनी का उत्तर प्रदेश स्थित 1,200 मेगावॉट के रोजा पॉवर प्लांट का पीएलएफ 63 फीसदी रहा, जबकि 600 मेगावॉट का महाराष्ट्र का बुरीबोरी पॉवर प्लांट के परिचालन का पीएलएफ 45 फीसदी रहा. 

अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 70.07 के अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंचा





नई दिल्ली:

तुर्की की मुद्रा 'लीरा' में लगातार गिरावट का असर भारत पर भी देखने को मिल रहा है. मंगलवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 70.07 के सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंच गया. विशेषज्ञों का कहना कि तुर्की संकट की वजह से दुनिया की अन्य अर्थव्यवस्थाओं पर नकारात्मक असर पड़ने की आशंका है. यही वजह है कि डॉलर के मुकाबले रुपये में लगातार गिरावट आ रही है और आज यह अब तक के निचले स्तर पर पहुंच गया. आपको बता दें कि तुर्की की मुद्रा 'लीरा' में सोमवार को 11 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई थी. जिससे दुनियाभर के बाजारों में खलबली मच गई. सीएनएन के मुताबिक, तुर्की की मुद्रा लीरा में एशिया में सुबह के कारोबार में डॉलर के मुकाबले 11 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई.

तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तइप एर्दोगन ने इस संकट से निबटने के लिए ब्याज दरों में बढ़ोतरी की संभावनाओं को खारिज किया और अमेरिका को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा, "हम घुटने नहीं टेकेंगे. अगर आप डॉलर के साथ हमारे पास आओगे तो हम कारोबार करने का दूसरा तरीका खोज निकालेंगे." नया साल शुरू होने के बाद से लीरा में डॉलर के मुकाबले लगभग 45 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई है.

आपको बता दें कि मुद्रा का यह संकट ऐसे समय आया है जब तुर्की का अमेरिका के साथ संबंध 1974 के बाद के सबसे बुरे दौर में है. संबंधों में सुधार के भी फिलहाल कोई संकेत नहीं मिल रहे हैं. तुर्की के इस मुद्रा संकट ने वैश्विक स्तर पर शेयर बाजारों पर भी असर डाला है. कुछ यूरोपीय बैंक तुर्की को दिये भारी कर्ज के कारण इस संकट की चपेट में आ गये हैं. तुर्की की करेंसी 'लीरा' में 10 अगस्‍त को आई गिरावट एर्दोआन के 2003 में सत्ता में आने के बाद से यह तुर्की का सबसे बड़ा आर्थिक संकट है. इससे पहले तुर्की ने 2001 में भीषण आर्थिक संकट का सामना किया था.

एडवांस बुकिंग रिपोर्ट- BOX OFFICE पर तहलका मचाएगी अक्षय कुमार की 'गोल्ड'

अक्षय कुमार की फिल्म गोल्ड की एडवांस बुकिंग रविवार से शुरु हो चुकी है। ट्रेड पंडितों की मानें तो एडवांस बुकिंग की रिपोर्ट काफी शानदार है। रिपोर्ट की मानें तो गोल्ड अक्षय कुमार की सबसे बड़ी ओपनिंग देने वाली फिल्म साबित हो सकती है। फिल्म बुधवार.. यानि की 15 अगस्त को 20-22 करोड़ तक की ओपनिंग दे सकती है।  गोल्ड भारत में लगभग 3300 स्क्रीन पर रिलीज हो रही है। हालांकि जॉन अब्राहम की सत्यमेव जयते क्लैश हो रही है, लेकिन मल्टीप्लेक्स दर्शकों में गोल्ड के लिए कमी नहीं आएगी। पहले वीकेंड तक अक्षय की गोल्ड 75 करोड़ का आंकड़ा आराम से पार कर जाएगी। बता दें, फिल्म को 5 दिनों लंबा वीकेंड मिल रहा है। जाहिर है फिल्म दनादन कमाई करेगी।  एडवांस बुकिंग की रिपोर्ट् को देखा जाए तो गोल्ड 65-70 प्रतिशत ऑक्यूपेंसी के साथ ओपनिंग करेगी। यह आंकड़ा शानदार है।


 गौरतलब है कि पिछले दो सालों से अक्षय स्वतंत्रता दिवस पर फिल्म लेकर आते हैं और फिल्म सुपरहिट जाती है। रुस्तम हो या टॉयलेट एक प्रेम कथा दोनों ही फिल्में देशभक्ति के फ्लेवर में लिपटी थी.. और दर्शकों ने काफी पसंद किया। लिहाजा, गोल्ड से भी ऐसी ही उम्मीदें हैं।

Monday, August 13, 2018

MOVIE REVIEW: 'मुल्क' पर नहीं बल्कि मजहब पर आधारित है फिल्म, देखने से पहले पढ़ें रिव्यू




बॉलीवुड एक्टर ऋषि कपूर और तापसी पन्नू की बहुचर्चित फिल्म मुल्क रिलीज से पहले ही काफी चर्चा में है। फिल्म 3 अगस्त शुक्रवार को रिलीज होगी। फिल्म में हिंदू-मुस्लिम जैसे गंभीर और विवादित मुद्दे को दिखाया गया है। इस कारण ही फिल्म कई विवादों से भी जुड़ी रही। फिल्म के रिलीज पर भी रोक की मांग की गई थी, लेकिन मुंबई कोर्ट ने इसे समय पर रिलीज करने की इजाजत दे दी।

फिल्म की कहानी उत्तर प्रदेश के बनारस में रहने वाले एक मुस्लिम परिवार की है जिसके मुखिया मुराद अली मोहम्मद (ऋषि कपूर) हैं। कुछ ऐसी परिस्थितियां आती हैं जिसमें उनका बेटा शाहिद मोहम्मद (प्रतीक बब्बर) आतंकी गतिविधियों में उलझा हुआ पाया जाता है। जिस कारण पूरे परिवार को समाज के हमले का शिकार होना पड़ता है। इस गलत व्यवहार की वजह से मुराद अली की बहू आरती मल्होत्रा (तापसी पन्नू), जिनका विवाह शाहिद के बड़े भाई से किया जाता है, वह परिवार के सम्मान के लिए कोर्ट में केस लड़ती हैं।

कोर्ट में आरती का सामना मशहूर वकील संतोष आनंद (आशुतोष राणा) से होता है। कहानी में बहुत सारे उतार-चढ़ाव आते हैं और अंततः एक ऐसे नोट पर वह खत्म होती है जो कि काफी दिलचस्प है। फिल्म को समाज की सोच के अनुसार ही लिखा गया है। करिदार की बात करें तो हर एक्टर ने अपना किरदार बखूबी निभाया है। ऋषि कपूर से लेकर आशुतोष राणा अपने किरदार के साथ जस्टिस करते नजर आए हैं।

वहीं, प्रतीक बब्बर भी सहज अभिनय करते हुए दिखाई दिए हैं। तापसी पन्नू ने अपनी एक्टिंग से एक बार फिर साबित कर दिया कि एक्टिंग में मामले में उन्हें पीछे छोड़ना मुश्किल है। फिल्म की कहानी और स्क्रीनप्ले एक दम दमदार है। लेकिन इसकी कमजोर कड़ी फिल्म की लेंथ हो सकती है। वहीं, प्रतीक बब्बर अन्य कलाकारों के मुकाबले थोड़े वीक नजर आए हैं। फिल्म का बजट 25-30 करोड़ रुपये के करीब है। अब देखना ये है कि रिलीज के बाद फिल्म सिनेमाघरों पर क्या कमाल कर पाती है।

लेनेवो ने नए फीचर के अल्ट्रा-स्लिम लैपटॉप किए लॉन्च




लेनेवो इंडिया ने अपने अल्ट्रा-स्लिम लैपटॉप के रेंज में नए फीचर के साथ Ideapad 530S और Lenovo Ideapad 330S लॉन्च किया। Ideapad 530S की कीमत 67,990 रुपये और Lenovo Ideapad 330S की कीमत 35,990 रुपये है।

लेनेवो इंडिया के कार्यकारी निदेशक (कंज्यूमर बिजनेस व ई-कॉमर्स) राजेश थडानी ने कहा, “नया अल्ट्रा-स्लिम पोर्टफोलियो हमारे लगातार इनोवेशन और सही मायने में अलग तरह के अनुभव प्रदान करने के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को मजबूती प्रदान करता है।”

उन्होंने कहा, “आज हम भारतीय बाजार में अल्ट्रापोटेर्बल लैपटॉप उतार रहे हैं, जिनमें नवीनतम प्रौद्योगिकी का उपयोग किया गया है।”

उन्होंने कहा कि आइपैड '530 एस' में आठवीं पीढ़ी के इंटेल कोर प्रोसर्स, 512 जीबी एसएसडी स्टोरेज और आठ घंटे तक बैटरी चलने की क्षमता है।

इस डिवाइस में धातु का इस्तेमाल किया गया है और इसकी बैटरी को महज 15 मिनट चार्ज करने पर दो घंटे तक इस्तेमाल किया जा सकता है। इसका वजन 1.49 किलोग्राम है और इसकी मोटाई 16.4 मिलमीटर है। इसमें 14 इंच फुल एचडी आईपीएस डिस्प्ले के साथ-साथ हर्मन स्पीकर और डोल्बी ऑडियो है।

आइपैड '330 एस' 14 इंच और 15.6 इंच के में उपलब्ध है और इसे विद्यार्थियों और लंबी यात्रा करने वाले पेशेवरों के लिए डिजाइन किया गया है।

इसका वजन 1.67 किलोग्राम है। लैपटॉप का ऊपरी हिस्सा धातु का बना है और परंपरागत लैपटॉप से से 42 फीसदी हल्का है।

डिवाइस में आठवीं पीढ़ी के इंटेल कोर प्रोसेर्स, फुल एचडी आईपीएस डिस्प्ले फीचार और एचडीडी/एसएसडी स्टोरेज के विकल्प हैं।

मोटापा कम करता है अलसी का काढ़ा, पढ़ें अलसी के चमत्कारिक फायदे



स्वस्थ रहने के लिए हमें अपने आहार में फल-सब्जियों के साथ-साथ विभिन्न तरह के बीजों को भी जरूर शामिल करना चाहिए। ऐसे ही बीजों में से एक है अलसी, जिसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड, प्रोटीन, फाइबर, विटामिन्स और मिनरल्स पाए जाते हैं। ये शरीर को स्वस्थ रखने में फायदेमंद हैं। अलसी के बीजों से बने काढ़े का नियमित रूप से सेवन कई बीमारियों के इलाज में फायदेमंद है।

कैसे तैयार करें काढ़ा
दो चम्मच अलसी के बीजों को दो कप पानी में मिक्स करें और आधा रह जाने तक उबालें। तैयार काढ़ा छान लें और थोड़ा ठंडा होने पर पिएं।

फायदे हैं अनेक
ब्लड शुगर करे नियंत्रित: डायबिटीज और ब्लड शुगर की समस्या से पीड़ित लोगों के लिए अलसी का काढ़ा वरदान साबित होता है। नियमित रूप से सुबह खाली पेट असली के काढे़ के सेवन से डायबिटीज का स्तर नियंत्रित रहता है।


थाइरॉएड में असरदार: सुबह खाली पेट अलसी का एक कप काढ़ा हाइपोथाइरॉएड और हाइपरथाइरॉएड दोनों स्थितियों में फायदेमंद है।


हार्ट ब्लॉकेज को करे दूर: नियमित रूप से तीन महीने तक अलसी का काढ़ा पीने से आर्टरीज में ब्लॉकेज दूर होता है और आपको एंजियोप्लास्टी कराने की जरूरत नहीं पड़ती। अलसी में मौजूद ओमेगा-3 शरीर में बुरे कोलेस्ट्रॉल एलडीएल के स्तर को कम करता है और हृदय संबंधी बीमारियों को रोकने में मदद करता है। हानिकारक विषाक्त पदाथार्ें को बाहर निकाल कर शरीर को डीटॉक्सीफाई करता है।


जोड़ों के दर्द में दे आराम: साइटिका, नस का दबना, घुटनों जैसे जोड़ों के दर्द में अलसी के काढ़े का नियमित सेवन फायदेमंद है।


मोटापा करे कम: काढ़ा शरीर में जमा हुई अतिरिक्त वसा को निकालने में मदद करता है, जिससे मोटे होने का खतरा नहीं रहता। अलसी में मौजूद फाइबर भूख को कम करता है और शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है।


पेट की समस्याओं में कारगर: नियमित रूप से अलसी का काढ़ा पीने से कब्ज, पेट दर्द, पेट अफरना जैसी समस्याओं से छुटकारा मिलता है।


बालों और त्वचा के लिए फायदेमंद: आधा चम्मच अलसी के बीज रोज सुबह गर्म पानी के साथ लेने से बालों के झड़ने की समस्या भी हल होती है। तीन-चार महीने तक नियमित रूप से काढ़ा पीने से बाल सफेद होना रुक जाता है। अलसी के तेल की मालिश करने से बाल मजबूत और चमकदार होते हैं। इससे त्वचा के रूखेपन, कील-मुंहासे, एग्जिमा, एलर्जी जैसी समस्याओं में राहत मिलती है।

Sunday, August 12, 2018

SBI डेबिट कार्ड धारकांनी 2018 मध्येच 'हे' करावं


एसबीआयचं जुनं मॅगस्ट्रीप डेबिट कार्ड लवकरच बंद होणार असून ग्राहकांना ते बदलून घेण्याचे निर्देश बँकेने दिले आहेत.

मुंबई : स्टेट बँक ऑफ इंडिया अर्थात 'एसबीआय'च्या डेबिटकार्डधारकांसाठी महत्त्वाची सूचना आहे. एसबीआयचं जुनं मॅगस्ट्रीप डेबिट कार्ड लवकरच बंद होणार असून ग्राहकांना ते बदलून घेण्याचे निर्देश बँकेने दिले आहेत.

'एसबीआय'ने आपल्या अधिकृत ट्विटर हँडलवरुन याबाबत माहिती दिली आहे. रिझर्व्ह बँक ऑफ इंडियाच्या नियमांनुसार 2018 वर्ष संपण्यापूर्वी मॅगस्ट्रीप डेबिट कार्ड बदलून ईएमव्ही चिप डेबिट कार्ड घेण्याचं आवाहन ग्राहकांना करण्यात आलं आहे.

मुदतीपूर्वी आपलं जुनं मॅगस्ट्रीप डेबिट कार्ड बदलून घेतलं नाही, तर ग्राहकांना त्यांचे एटीएम व्यवहार करता येणार नाहीत. त्यामुळे 31 डिसेंबर 2018 पूर्वीच एसबीआय एटीएम कार्डधारकांना अपडेटेड कार्ड घ्यावं लागेल.

एसबीआयकडून कन्व्हर्जन प्रोसेस करण्यात येत असून त्यासाठी ग्राहकाला एक रुपयाही मोजावा लागणार नाही. ही प्रकिया पूर्णपणे सुरक्षित असल्याची हमीसुद्धा एसबीआयने दिली आहे.


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Bail Pola



पोळा किंवा बैलपोळा हा श्रावण अमावस्या (किंवा भाद्रपद अमावास्या) या तिथीला साजरा करण्यात येणारा बैलांचा सण आहे. बैलांप्रती कृतज्ञता व्यक्त करणारा हा एक मराठी सण आहे. ज्यांच्याकडे शेती नाही ते मातीच्या बैलाची पूजा करतात. भारतासारख्या शेतीप्रधान देशात, व तेथील शेतकऱ्यांत या सणाला विशेष महत्त्व आहे.

या दिवशी बैलांचा थाट असतो. त्यांना कामापासून आराम असतो. तुतारी (की पराणी?) (जिच्या टोकास, बैलांना टोचण्यासाठी टोकदार लोखंडी खिळा लावला असतो अशी बैलांना हाकण्यासाठी वापरण्यात येणारी काडी) वापरण्यात येत नाही. पोळ्याच्या आदल्या दिवशी बैलांना आमंत्रण (आवतण) देण्यात येते. पोळ्याला त्यांना नदीवर/ओढ्यात नेउन त्यांची अंघोर घालण्यात येते. नंतर चारून घरी आणण्यात येते. या दिवशी बैलाच्या खांद्याला (मान जिथे शरीराला जोडली असते तो भाग) हळद व तुपाने (किंवा तेलाने) शेकतात. याला 'खांद शेकणे' अथवा 'खांड शेकणे' म्हणतात. त्यांच्या पाठीवर नक्षीकाम केलेली झूल (पाठीवर घालायची शाल), सर्वांगावर गेरूचे ठिपके, शिंगांना बेगड, डोक्याला बाशिंग, मटाट्या (एक प्रकारचा शृंगार -?) गळ्यात कवड्या व घुंगरांच्या माळा, नवी वेसण, नवा कासरा (आवरायची दोरी) पायात चांदीचे वा करदोड्याचे तोडे घालतात. त्याला खायला गोड पुरणपोळी व सुग्रास अन्नाचा नैवेद्य देतात. बैलाची निगा राखणाऱ्या 'बैलकरी' घरगड्यास नवीन कपडे देण्यात येतात.

या सणासाठी शेतकऱ्यांमध्ये उत्साह असतो. आपला बैल उठून दिसावा यासाठी शेतकरी आपल्या ऐपतीप्रमाणे त्याचा साजशृंगार खरेदी करतात. बैल सजवितात व पोळ्यात भाग घेतात. गावाच्या सीमेजवळच्या शेतावर (आखरावर) एक आंब्याच्या पानाचे मोठे तोरण करून बांधतात. त्या जवळ गावातल्या सर्व बैलजोड्या, वाजंत्री, सनया, ढोल, ताशे वाजवत एकत्र आणल्या जातात. या वेळेस 'झडत्या' (पोळ्याची गीते) म्हणायची पद्धत आहे. त्यानंतर, 'मानवाईक' (ज्याला गावात मान आहे तो-गावचा पाटील/श्रीमंत जमीनदार) तोरण तोडतो व पोळा 'फुटतो'. नंतर बैल मारुतीच्या देवळात नेतात व नंतर घरी नेऊन त्यांना ओवाळतात. बैल नेणाऱ्यास 'बोजारा' (पैसे) देण्यात येतात.

बैल पोळ्याबद्दल माहिती – Bail Pola Information in Marathi


आपला भारत देश हा एक कृषिप्रधान देश आहे . आपल्या देशात विविधतेत एकता नटलेली आहे. विविध प्रांतात विविध प्रकारच्या भाषा, वेशभूषा ,सण, उत्सव साजरे केले जातात.त्यातच आपल्या महाराष्ट्राचा एक खास आणि मोठा सण .तो म्हणजे शेतकऱ्यांचा सण. आपल्यासाठी वर्षभर शेतात रात्रंदिवस घाम  गाळणाऱ्या बैलांचा सण.तो सण म्हणजे बैलपोळा होय. या सणाबद्दल मी माझ्या परीने थोडीशी माहिती टाकण्याचा प्रयत्न करणार आहे .कोठे काही चुकले तर माफ करा आणि तुम्हाला काही माहीत असेल तर तेही सांगा. 

 पोळा सण कोठे साजरा केला जातो? 

       हा सण विशेष म्हणजे महाराष्ट्रामध्ये साजरा केला जातो. यात विदर्भ आणि मराठवाडा या ठिकाणी जास्त प्रमाणात साजरा करतात .या दिवशी बळीराजा आपल्या बैलांची पूजा करतो. 

पोळा हा सण केव्हा येतो? 

          हा सण श्रावण महिन्यातील पिठोरी अमावस्येला येतो .इंग्रजी महिन्यानुसार हा सण ऑगस्ट किंवा सप्टेंबर महिन्यात येतो. यावेळी पोळा हा सण सहा सप्टेंबर रोजी आला आहे. 

 हा सण कसा साजरा करतात? 

         या सणाच्या दोन दिवसा अगोदरच बैलांना शेतीच्या कामापासून सुट्टी मिळते .त्यांचे खांदे मळणी केली जाते. या दिवशी बैलांना छान पैकी नदीवर किंवा तलावावर नेऊन आंघोळ घातली जाते. त्यांच्या  शिंगांना छान पैकी  गेरूने रंगवले जाते. त्यांच्या अंगावर झूल टाकली जाते . शिंगावरती रंगबिरंगी फुगे बांधली जातात .गळ्यात घागर माळा, कवड्याची माळ किंवा हार घातले जातात.मग शेतकऱ्याची बायको बैल राजाची पूजा करते. 

          सकाळच्या वेळी ढोल-ताशांच्या गजरात त्यांची मिरवणूक काढली जाते.वेशीच्या पटांगणात बैल पोळा भरविला जातो. त्यात वयस्कर बैलाला बैलाच्या शिंगाला आंब्याच्या दोरांनी मखर बांधलेला असतो.तो मानाचा बैल असतो. त्याच्या पाठोपाठ इतर बैलांना ओळीने उभे केले जातात.त्यांचा क्रम त्यांच्या मालकाच्या गावातील स्थानाप्रमाणे असते. नंतर मग बैल पोळा फुटतो.काही गावांमध्ये तर जत्रा भरली जाते व स्पर्धा आयोजित केल्या जातात. 

      या दिवशी  घरोघरी पुरणपोळीचा स्वयंपाक केला जातो. बैलपोळा सुटल्यानंतर बैलांची पूजा  करतात. नंतर त्यांना नैवद्य दिला जातो.अशाप्रकारे बैल पोळा हा सण शेतकऱ्यासाठी महत्त्वाचा सण आहे .अशीच आपली परंपरा, आपली संस्कृती जपून ठेवूया आणि महाराष्ट्र धर्म वाढवूया

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