Tuesday, August 14, 2018

एप्‍पल बनी 1 ट्रिलियन डॉलर की कंपनी

मार्किट के इतिहास में एप्‍पल गुरुवार को एक ट्रिलियन डॉलर की कंपनी बनी






नई दिल्ली: 

एप्‍पल एक ट्रिलियन यानी क़रीब 68,620 अरब रुपये की पहली लिस्टेड कंपनी बन गई यानी एप्‍पल का बाज़ार मूल्य भारतीय अर्थव्यवस्था का 38 फ़ीसदी हो गया है. एप्‍पल चाहे तो 3 अरब डॉलर की इकोनॉमी वाले पाकिस्तान जैसे तीन देशों को ख़रीद सकती है. दुनिया के सिर्फ़ 16 देश ही ऐसे हैं जिनकी जीडीपी ऐपल की मार्केट वैल्यू से ज़्यादा है यानी, एप्‍पल 177 देशों से ज़्यादा अमीर है.

सिलिकॉन वैली के एक गराज में 42 साल पहले शुरू हुई इस कंपनी ने यह मुकाम गुरुवार को हासिल किया. फैक्टसेट के अनुसार, एप्पल का शेयर गुरुवार को 5.89 डॉलर मजबूत होकर 207.39 डॉलर पर पहुंच गया. इससे कंपनी का बाजार मूल्यांकन एक हजार अरब डॉलर के पार करीब 1,001,679,220,000 डॉलर पर पहुंच गया. यह उपलब्धि 1997 में कल्पना से भी परे थी जब कंपनी दिवालिया होने की दहलीज पर पहुंच गयी थी. तब कंपनी को प्रतिद्वंद्वी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट से वित्तीय मदद लेनी पड़ी थी. एप्पल की इस ऐतिहासिक इबारत की नींव एक समय कंपनी से निकाल दिये गये सह-संस्थापक स्टीव जॉब्स ने लिखी.

अंतरिम मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) बनकर वापस कंपनी में लौटे जॉब्स ने आईफोन और आईपैड जैसे विशिष्ट उत्पाद पेश किये जिसने कंपनी को सफलता के नये पायदान पर पहुंचाया. अभी कंपनी के कुल राजस्व में आईफोन की करीब दो-तिहाई हिस्सेदारी है. कंपनी ने मंगलवार को जारी तिमाही वित्तीय परिणाम में कहा था कि इस दौरान उसके आईफोन की औसत कीमत पिछले साल की समान अवधि के 606 डॉलर की तुलना में 724 डॉलर प्रति स्मार्टफोन पर पहुंच गयी है. इसके बाद से कंपनी का बाजार मूल्यांकन करीब 83 अरब डॉलर बढ़ चुका है. पिछले दो दिन में कंपनी के शेयर नौ प्रतिशत चढ़े हैं जिससे इस साल के दौरान कंपनी का शेयर 23 प्रतिशत चढ़ चुका है.

गुरुवार एप्पल एक ट्रिलियन डॉलर के अंक से ऊपर बंद हुई. एप्‍पल के शेयर की कीमत में 2.79% की तेजी देखी गई. एप्‍पल के शेयर की कीमत 207.39 (लगभग 14,250 रुपये) पर बंद हुई. आपको बता दें कि महंगे स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनी एप्पल को पिछली तिमाही में बिक्री में खास बदलाव नहीं होने के बाद भी अधिक मुनाफा हुआ था. अमेरिका एवं चीन के बीच जारी शुल्क युद्ध का अभी कंपनी के प्रदर्शन पर कोई असर नहीं पड़ा. स्टीव जॉब्स ने 1976 में अपने गैरेज में दो अन्य साथियों के साथ एप्पल की नींव रखी थी और उसकी सालाना कमाई 89 देशों की जीडीपी से भी ज्यादा है. जॉब्स ने 1980 के करीब कंपनी छोड़ दी थी और एक दशक बाद जब एप्पल लड़खड़ाने लगी तो वे लौटे.
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गौरतलब है कि पिछले दिवस एप्पल के शेयर चार प्रतिशत चढ़ गये थे. एप्पल की बिक्री पिछले साल की तुलना में महज एक प्रतिशत बढ़ी जबकि औसत कीमत पिछले साल के 606 डॉलर के मुकाबले 20 प्रतिशत बढ़कर 724 डॉलर पर पहुंच गयी. कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी टिम कुक ने कहा था कि आलोच्य तिमाही के दौरान 999 डॉलर का आईफोन एक्स सबसे लोकप्रिय रहा. एप्प स्टोर, म्यूजिक सब्सक्रिप्शन एवं अन्य सेवाओं से प्राप्त राजस्व 31 प्रतिशत बढ़कर 9.5 अरब डॉलर पर पहुंच गया था. कंपनी का शुद्ध मुनाफा इस दौरान 32 प्रतिशत बढ़कर 11.52 अरब डॉलर पर पहुंच गयी. कुल राजस्व भी 17 प्रतिशत बढ़कर 53.27 अरब डॉलर पर पहुंच गयी थी. इस बीच आईडीसी के अनुसार एप्पल दूसरी सबसे बड़ी स्मार्टफोन निर्माता कंपनी का तमगा खो चुकी थी। उसने कहा कि चीन की कंपनी हुवावे ने एप्पल को पछाड़ दूसरा स्थान हासिल कर लिया. सैमसंग पहले स्थान पर बनी हुई है.

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